Monday 17 October 2016

MAHADEVI VARMA

महादेवी वर्मा

महादेवी वर्मा (२६ मार्च १९०७ ११ सितंबर १९८७) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों[क] में से एक मानी जाती हैं।[1] आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है।[2] कवि निराला ने उन्हें हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती भी कहा है।[ख] महादेवी ने स्वतंत्रता के पहले का भारत भी देखा और उसके बाद का भी। वे उन कवियों में से एक हैं जिन्होंने व्यापक समाज में काम करते हुए भारत के भीतर विद्यमान हाहाकार, रुदन को देखा, परखा और करुण होकर अन्धकार को दूर करने वाली दृष्टि देने की कोशिश की।[3] न केवल उनका काव्य बल्कि उनके सामाजसुधार के कार्य और महिलाओं के प्रति चेतना भावना भी इस दृष्टि से प्रभावित रहे। उन्होंने मन की पीड़ा को इतने स्नेह और शृंगार से सजाया कि दीपशिखा में वह जन-जन की पीड़ा के रूप में स्थापित हुई और उसने केवल पाठकों को ही नहीं समीक्षकों को भी गहराई तक प्रभावित किया।[ग]

उन्होंने खड़ी बोली हिन्दी की कविता में उस कोमल शब्दावली का विकास किया जो अभी तक केवल बृजभाषा में ही संभव मानी जाती थी। इसके लिए उन्होंने अपने समय के अनुकूल संस्कृत और बांग्ला के कोमल शब्दों को चुनकर हिन्दी का जामा पहनाया। संगीत की जानकार होने के कारण उनके गीतों का नाद-सौंदर्य और पैनी उक्तियों की व्यंजना शैली अन्यत्र दुर्लभ है। उन्होंने अध्यापन से अपने कार्यजीवन की शुरूआत की और अंतिम समय तक वे प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधानाचार्या बनी रहीं। उनका बाल-विवाह हुआ परंतु उन्होंने अविवाहित की भांति जीवन-यापन किया। प्रतिभावान कवयित्री और गद्य लेखिका महादेवी वर्मा साहित्य और संगीत में निपुण होने के साथ-साथ[4]कुशल चित्रकार और सृजनात्मक अनुवादक भी थीं। उन्हें हिन्दी साहित्य के सभी महत्त्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है। भारत के साहित्य आकाश में महादेवी वर्मा का नाम ध्रुव तारे की भांति प्रकाशमान है। गत शताब्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय महिला साहित्यकार के रूप में वे जीवन भर पूजनीय बनी रहीं।[5] वर्ष २००७ उनकी जन्मशताब्दी के रूप में मनाया गया।

Saturday 15 October 2016

कबीरदास


q  कबीरदास हिंदी साहित्य के संत शिरोमणि हैं।
q  जीवन काल-पंद्रहवीं सदी।
q  कवी एवं समाज सुधारक थे।
q  नीरु और नीमा नामक जुलाहे दंपति ने पालन पोषण किया।
q  गुरू का नाम रामानंद है ।
q  वाणी संग्रह का नाम-बीजक है, (तीन भाग-साखी,सबद,रमैनी)
q  अहिंसा,सत्य,सदाचार आदी गुणों के प्रशंसक थे।


Tuesday 7 June 2016

Knowledge

1. एक १‍ ek
2. ढो do
3. तीन tīn
4. चार cār
5. पांच pā̃c
6. छह chah
7. सात sāt
8. आठ āṭh
9. नौ nau
10. ढस १० das
11. ग्यारह १‍१ gyārah
12. बारह १‍२ bārah
13. तेरह १‍३ terah
14. चौढह १‍४ caudah
15. पंढ्रह १‍५ pandrah
16. सोलह १६‍ solah
17. सत्रह १७‍ sattrah
18. अठारह १‍८ aṭhārah
19. उन्नीस १९‍ unnīs
20. बीस २० bīs